মহামারি মোকাবিলায় বাজি পোড়ানো নতুন নয়

23 Jan 2022 Social Issues মহামারি মোকাবিলায় বাজি পোড়ানো নতুন নয়

মহামারি মোকাবিলায় বাজি পোড়ানো নতুন নয়; -ডাঃ পার্থপ্রতিম; ২১ এপ্রিল ২০২০; উত্তরবঙ্গ সংবাদ পত্রিকায় প্রকাশিত বিশ্বজুড়ে করোনা সংকট অব্যাহত। এই পরিস্থিতিতে সম্প্রতি প্রধানমন্ত্রী নরেন্দ্র মোদি দেশের ঐক্য এবং সংহতি সুদৃঢ় করার লক্ষ্যে আলোকবার্তা উদযাপনের আহ্বান জানিয়েছিলেন। দেশের বিভিন্ন শ্রেণির মানুষ প্রধানমন্ত্রীর আহ্বানে সাড়া দিয়েছেন। পুড়ছে বহু আতশবাজি, উড়ছে ফানুস। ৫ এপ্রিলের রাত অনেকটা দীপাবলির মতোই ছিল। বাজি বিক্রেতা সংগঠনের হিসেব অনুসারে ওই রাতে এই রাজ্যের প্রায় ছয় কোটি টাকার বাজি পুড়ছে, যা নিয়ে বিভিন্ন মহলে প্রশ্ন উঠেছে। রাজনৈতিক চাপানউতোর চলছে। চলবেও। তবে রোগব্যাধি মোকাবিলায় বাজি পোড়ানোর ইতিহাস নতুন নয়। দু’হাজার বছর আগেকার কথা। চিনে রাজ করছে হ্যান বংশ। সেই সময় চিনাদের ধারণা ছিল, অপদেবতার কান্ডকারখানা ফলে বন্যা, ভূমিকম্প, অনাবৃষ্টি হয়। তাই বাজি-পটকা ফাটিয়ে তারা ভয় দেখাত। এই বিশ্বাস তাদের মধ্যে বহু বছর বজায় ছিল। ১২৩২ সালে যখন প্রবল পরাক্রমী মোঙ্গলরা চিন আক্রমণ করে, তখন হাউইবাজির সাহায্যে তাদের ভয় দেখিয়ে তাড়িয়ে দেয়। প...

continue reading →

शैवाल ने शिक्षा को पेशा नहीं, कर्तव्य समझा

08 Dec 2021 Participation शैवाल ने शिक्षा को पेशा नहीं, कर्तव्य समझा

शैवाल ने शिक्षा को पेशा नहीं, कर्तव्य समझा; सोमवार, 8 मई 2011;दैनिक जागरण; सिलीगुड़ी चामुर्ची / बिन्नागुड़ी, जटीः आज के युग में लोग अर्थ के पीछे दौड़ रहे हैं मगर शैवाल भट्टाचार्य ऐसे शिक्षाविद थे जिन्होंने विद्यार्थियों को ईमान्दारी शिक्षा प्रदान में महत्वपूर्ण योगदान दिया। यह बातें डा. पार्थ प्रतीमने शनिवार को आयोजित स्मरण सभा में कहीं। इसी दौरान जिया आलम ने उनके जीवन के यर्थात एवं उनके आदर्ष का परिचय दिया। प्रधान शिक्षक सुकल्याण भट्टाचार्य ने उन्हें एक आदर्ष शिक्षक का दर्जा देते हुए कहा कि उन्होंने शिक्षा दान को पेशा नहीं कर्तव्य समझा। उल्लेखनीय है कि शैवाल भट्टाचार्य ने शिक्षक के रूप में इतने तत्लीन एवं मग्न थे इस पेशा में आने पर डब्लूबीसीएस की नौकरी तक छोड़ दी थी। बानरहाट स्थित तरूण संघ पुस्तकालय के सभागृह में शनिवार को बानरहाट बंगला हाई स्कूल के पर्व शिक्षक, समाजसेवी एवं विषिश्ट शिक्षाविद् शैवाल भट्टाचार्य की स्मरण सभा आयोजित की गई। इनका निधन 16 अप्रैल को हुआ था। स्व. शैवाल भट्टाचार्य के स्मरण सभा की अध्यक्षता बानरहाट गर्ल्स हाई स्कूल के प्रध...

continue reading →

महान दिव्यांग वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिन्स की स्मरण सभा

08 Dec 2021 Dear महान दिव्यांग वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिन्स की स्मरण सभा

महान दिव्यांग वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिन्स की स्मरण सभा; 23 मार्च 2018; दैनिक जागरण; सिलीगुड़ी, संवादसूत्र, चामुर्ची: बानरहाट संेट्रल डुवार्स हेण्डीकैप्ड सोषल एंड वेलफेयर आर्गनाइजेषन एवं डियर संस्था के संयुक्त तत्वावधान में गुरूवार को सदी के महान दिव्यांग वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिन्स की स्मरण सभा श्रवण मेमोरियल स्कूल के सामने किया गया। इस वैज्ञानिक के स्मरण सभा में सेंट्रल डुवार्स हेण्डडीकैप्ड, संस्था की ओर से बसंत सोनार, आनंद दर्जी, षिवराज प्रधान, डीयर संस्था के कर्णधार डॉ पार्थ प्रतीम सहित स्कूल के प्रधानाध्यपक ए.के. सिंह राणा, बानरहाट तरूण संघ के उपाध्यक्ष सुरेष पाल, बानरहाट उच्च विद्यालय के प्रधानाध्यपक सुकल्याण भट्टाचार्य, बानरहाट गर्ल्स स्कूल की षिक्षिका षुक्ला राय चौधरी सहित अन्य उपस्थित थे। ...

continue reading →

सांप्रदायिक सद्भाव व एकता का दिया संदेश

08 Dec 2021 Dear सांप्रदायिक सद्भाव व एकता का दिया संदेश

सांप्रदायिक सद्भाव व एकता का दिया संदेश; 29 जून 2018; दैनिक जागरण; सिलीगुड़ी, संवादसूत्र, बानरहाट: डुवार्स के विभिन्न जनजाति व धार्मिक समुदाय के अंर्तगत निजी संगठनों के प्रतिनिधियों ने गुरूवार को आयोजित कार्यक्रम के दौरान सांप्रदायिक सद्भाव व एकता की षपथ ली। डुवार्स में रहने वाले डुकपा, रावा, मेच, लिंबु, गोरा, असुर, महाली, तामांग समेत विभिन्न जनजाति के लोगों ने पांरपरिक पोषाक पहनकर सामाजिक व धार्मिक एकता का संदेष दिया। आयोजक संस्था डीयर की ओर से डाक्टर पार्थ प्रतीमने बताया कि इस दिन के कार्यक्रम में बक्षा पहाड़ से लेकर उदलाबाड़ी तक के विभिन्न जनजाति के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था। कार्यक्रम के समापन के दौरान रक्तादान षिविर का भी आयोजन किया गया। इसमें 35 लोगों ने रक्तदान किया। आज के कार्यक्रम में बंगाल रत्न से सम्मानित डाक्टर आनंद गोपाल घोश, धुपगुड़ी सुकांत महाविद्यालय के अध्यक्ष डाक्टर नीलांगु षेखर दास, बानरहाट कार्तिक उराव हिंदी कॉलेज अध्यक्ष आर मियां समेत अन्य मौजूद थे। ...

continue reading →

Join our mailing list Never miss an update