डुवार्स दिवस पर दीपावली सरीखी रोशनी; सिलीगुड़ी, 15 जनवरी, 2012; जलपाईगुड़ी जागरण
बिन्नागुड़ी संवाद सूत्रः अंधेरा हो या मनका विशम दोनों को मिटाने के लिए प्रकाष का होना जरूरी है। देष के किसी भी हिस्से की संस्कृति हो उसका समागम एक सा ही होता है। कहीं दीये दीपावली पर जलाए जाते हैं तो कहीं दीये पूजा के लिए जलाया जाता है। तराई-डुवार्स में भी दीपावली मनाने के परंपरा है लेकिन यहां वास्तव में दीये प्रत्येक वर्श 14 जनवरी को ही जलते हैं। सुख, समृद्धि के लिए जो दीये लोग 14 जनवरी को जलाते है उसका महत्व इन आदिवासी इलाकों में कहीं न कहीं दीपावली से भी अधिक होता है। ऐसे में प्रत्येक वर्श जब पूरा देष मकर संक्राति मना रहा होता है तो यहां के इलाको में डुवार्स दिवस के नाम पर दीपावली की छटा देखने को मिलती है। अपने विकास, पहचान, अस्तित्व के लिए लड़ाई लड़ने वाले आदिवासी जब तराई की हरियाली के बीच अपने घरों के आगे दीए जलाते है तो मानो पूरा आसमान सुख-षांति के संदेष से जगमगा उठता है। डॉ. पार्थ प्रतीम ने डुवार्स की पहचान दिलाने में अहम भूमिका निभाई। डुवार्स की भूमि के बारे में सोचने, समझाने एवं अपनी जन्म भूमि को एक त्योहार के रूप में पाकर डुवार्सवासी गदगद हो गए हैं। दंगे, फसाद, आंदोलन के दौर वर्श 2007 सं लेकर 2010 तक चला। डुवार्सवासी चिंतित और अपने को अषांत समझने लगे हैं। इन तमाम परिस्थिति पर नजर रखते हुए डुवार्स जर्नलिस्ट क्लब ने लोगों में एकजुटता, भाईचारा, अखंडता, अमन, षांति बहाल करने के लिए बुद्धिजीवियों, राजनेताओं, व्यवसायियों एवं इस इलाके में रह रहे समाज सेवी संगठनों को एक मंच पर लाने का प्रयास किया और सफल रहा। हल्दीबाड़ी के लियूस हासापूर्ति ने बताया कि डुवार्स वह भूमि है जहां आजादी दिलाने और स्वतंत्रता के सेनानी सुभाश चंद्र बोस उर्फ नेताजी को बक्सा फोरेस्ट जेल में बंद रखा गया था। दो दरवाजा को मिलाने वाले मार्ग या जमीन को डुवार्स कहते हैं। इस इलाके में सात दरवाजे की चर्चा लोग किया करते हैं। उनमें अलीपुरद्वार, जयगांव, सामची, सामसीग, जीटी बोर्डर, थिपचु और गोमटू का नाम षामिल है। क्लब के उपाध्यक्ष दिलीप चौरसिया ने बताया कि 25 दिसंबरको क्रिसमस के अवसर पर ईसाई धर्मावलंबी दीप जलाते हैं। षब-ए- बरात के अवसर पर मुस्लिम वर्ग के लोग दीप जलाते हैं। दीपावली के षुभ अवसर पर हिंदु धर्म के लोग दीप जलाते है। सभी वर्गों के लोगों को एक मंच पर लाने के लिए डुवार्स दिवस की संध्या पर दीप जलाने की प्रचलन षुरू हुआ है ।
लायंस क्लब ने किया रक्तदान शिविर; सिलीगुड़ी, 15 जनवरी, 2012; जलपाईगुड़ी जागरण
मालबजार संवाद सूत्रः माल लायंस क्लब की पहल पर षनिवारको रक्तदान षिविर का आयोजन किया गया। डुवार्स दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित इस कार्यक्रम में सिलीगुड़ी तराइ ब्लड बैंक के चलायमान वाहन के माध्यम से रक्त संग्रह कर रक्तदाताओं को प्रमाणपत्र दिए गए ।
भव्य कार्यक्रम
बिन्नागुड़ी के संवादसूत्र के अनुसारः बानरहाट थाना क्षेत्र के विभिन्न इलाकों में षनिवार को डुवार्स दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस मौके पर नेत्र जांच षिविर के अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। बिन्नागुड़ी बाजार स्थित संत साइमन मार्था एजुकेषनल डेवलपमेंट इंस्टीच्यूट की ओर से भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर उपस्थित रहे बिन्नागुड़ी ग्राम पंचायत के उप प्रधान बलराम राय, उमेष यादव, राजकुमार साह, साइमन विष्वकर्मा समेत कई व्यवसायी व बुद्धिजीवी। कार्यक्रम में सबसे पहले राश्ट्र ध्वज फहराया गया। इसके बाद वक्ताओं ने अपने विचार रखे। वक्ताओं ने डुवार्स की गरिमा व इतिहास का बखान करने के साथ ही डुवार्स का महत्व बताया।