रक्त बंधन उत्सव में दिखा डुआर्स में विविधता के बाद भी एकता का दृश्य

रक्त बंधन उत्सव में दिखा डुआर्स में विविधता के बाद भी एकता का दृश्य

रक्त बंधन उत्सव में दिखा डुआर्स में विविधता के बाद भी एकता का दृश्य; सिलीगुड़ी, शुक्रवार, 29 जून, 2018; भारत दर्पण
बानरहाट, २८ जून (निसं.)- डुआर्स एक्पलोरेषन एंड एडभांसमंेट रिभेली (डियर) द्वारा आज बानरहाट सरबन मेमोरियल स्कूल में रक्तबंधनका उत्सव को लेकर एक अभिनव कर्मसूची पालन किया गया। इस रक्तबंधन उत्सव कार्यक्रम में डुआर्स के विभिन्न धर्म एवं जनजाति वर्ग के लोगोंको मिल कर आत्मियता का संबंध दिखाई दिया। डुआर्स एक विभिन्न जाति-संस्कृति-भाशा को लेकर है, यह आज कार्यक्रम के दौरान प्रमाण हुआ। डियर द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में डुक्पा, राभा, मेच, गारो, संथाल, उरांव, मुंडा, राई, लिम्बू, तामांग, महली, असुर जनजाति के साथ-साथ विभिन्न धर्म के लोग अपने संस्कृति, वेषभूशा में उपस्थित होकर विविधता में भी एकता को दर्षाया। विभिन्न धर्म, सम्प्रदाय कें लोगों ने डुआर्स में षांति-समृद्धि एवं एकता बनाये रखने के लिए षपथ ग्रहण भी किया गया। रक्त बंधन के इस उत्सव में मुख्य अतिथि विषिश्ट चाय विषेशज्ञ एवं टी एसोसिएषन इंडिया के सचिव राम अवतार षर्मा, बेगरत्न एवं इतिहासकार डॉ. आनंद गोपाल घोश सहित धूपगुड़ी सुकांत महाविद्यालय के डॉ. निलांसु षेखर दास, जलपाईगुड़ी पीडी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. शीला दत्ता, बानरहाट हिन्दी कॉलेज के भारप्राप्त अध्यक्ष डॉ. राहुल मित्रा, बानरहाट थाना के आईसी विपुल सिन्हा भी उपस्थित थे। डियर संस्था के कर्णधार डॉ. पार्थ प्रतिम ने कार्यक्रम में स्वागत भाशण देते हुए डुआर्स में विविधता के सुगंध के बावजूद भी एकता एवं भाईचारे की महक की प्रषंसा करते हुए रक्त बंधन उत्सव के औचित्य को बताया। रक्त बंधन के इस उत्सव में डुआर्स के ओदलाबाड़ी से लेकर बक्साद्वार तक के लोग उपस्थित हुए थे। इस कार्यक्रम को लेकर बानरहाट में काफी उत्साह देखा गया। रक्त बंधन उत्सव में कूल 36 व्यक्तियों ने रक्तदान भी किया। विषिश्ट अतिथियों ने डियर संस्था द्वारा किये गये इस पहल की काफी प्रषंसा की ।

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