डॉ पार्थ प्रतीम को सम्मानित किया गया; ३0 सितम्बर; भारत दर्पण
बिन्नागुड़ी, ३0 सितम्बर (निसं): बानरहाट के होमियो चिकित्सक एवं समाजसेवी डॉ. पार्थ प्रतिम को इस वर्श का आनन्दलोक सलाम बेंगाल पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया है। उन्हें षिक्षा के क्षेत्र में इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। डॉ. पार्थ प्रतिम गत तीस वर्शों से उत्तर बंगाल के विभिन्न क्षेत्रों में कुसंस्कार, अन्धविष्वास को हटाने तथा लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए लगातार कार्य कर रहे है। गत 1981 में उन्हें विद्यार्थी जीवन में तत्कालिन राश्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी ने भी सम्मानित किया था। उन्हें सलाम बंगाल पुरस्कार के अलावा, एन.सी.इ.आर.टी. द्वारा मेरिट अवार्ड, क्रीड़ा विभाग द्वारा क्रिएटिव अवार्ड, दामोदार वेली द्वारा साइन्स अवार्ड सहित कई पुरस्कार से नवाजा गया है। पार्थ प्रतिम विज्ञान जनित कार्यक्रम नक्षत्र विज्ञान एवं खगोल विज्ञान सहित मलेरिया, डायरिया सहित कई रोगों को लेकर डुआर्स के विभिन्न भागों में जागरूकता अभियान निरन्तर चला रहे हैं। उन्होंने विज्ञान जनित डीयर क्लॅब का गठन करके निःस्वार्थ अपने बलबूते पर कई सचेतनामूलक कार्यक्रम करते हुए षिक्षा का आलेख जगा रहे हैं।
डॉ. पार्थ प्रतिम को सलाम बेंगाल पुरस्कार से सम्मानित किये जाने पर डुआर्स जर्नलिस्ट क्लॅब के अध्यक्ष आर. के झा ने बताया कि डॉ. पार्थ प्रतिम द्वारा डुआर्स जैसे पिछड़े हुए इलाके में षिक्षा के प्रति लोगों में जागरूकता लाना काफी सराहनीय विशय है। एनयूपी डब्ल्यू के संयुक्त महासचिव मनीकुमार दर्नाल एवं बिन्नागुड़ी ग्राम पंचायत के उपप्रधान श्री बलराम राय ने बताया कि षिक्षा के साथ- साथ डॉ. पार्थ प्रतिम द्वारा डुआर्स में शांति और भाईचारे को बनाये रखने एवं कार्य करने का बीड़ा उठाने को लेकर उनका काफी अहम् योगदान रहा है। उन्होंने ने यह भी बतलाया कि वे इस पुरस्कार के सही हकदार थे। शिक्षक एवं पत्रकार राजेष प्रधान ने कहा कि डॉ. पार्थ प्रतिम डुआर्स के पिछड़े पड़े चायबागान तथा वनवस्तियों के लोगों के बीच जिस तरह से विज्ञान, स्वास्थ्य, के कार्यक्रम से ज्ञान बॉट रहे है, यह कार्य काफी प्रषंसनीय है ।